This is a heavily interactive web application, and JavaScript is required. Simple HTML interfaces are possible, but that is not what this is.
    
  Post
  Ravinder Chaudhary
  ravinderchaudhary.bsky.social
  did:plc:p54gp2vekqjosqr7bvdkhwid
  हम उस की बस्ती में हैं
पाँचों उँगलियाँ घी में हैं
गली से वो गुज़रा इक दिन
साल से हम खिड़की में हैं
उस से शादी करनी थी
हम जिस की शादी में हैं
फिर समय से उस की बात
आज ज़रा जल्दी में हैं
उस के इश्क़ से पता लगा
हम कितने पानी में हैं
कम ये कहाँ कि हम उस के
अपनों की गिनती में हैं
अपनी मौत मरेंगे हम
लोग ग़लत-फ़हमी में हैं
उस से मिल कर आए लोग
जाने किस मस्ती में हैं
कर जो जी चाहे जान मेरी 
हम तेरी मुट्ठी में हैं...
  2025-07-11T04:06:37.640Z